सच्चा प्रेम ओशो

सच्चा प्रेम क्या होता है ? ओशो, वास्तविक प्रेम की परिभाषा

प्रेम जब जीवन के भीतर, स्वयं के भीतर जला हुआ एक दीया बनता है - रिलेशनशिप नहीं, स्टेट ऑफ मांइड - जब किसी से प्रेम एक संबंध नहीं है, बल्कि मेरा प्रेम स्वभाव बनता है, तब, तब जीवन में प्रेम की घटना घटती है। तब प्रेम का असली सिक्का हाथ में आता है। तब यह सव…

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