Contents लेखांकन के सैद्धान्तिक आधार को लोचपूर्ण बनाने, विवादित लेखांकन व्यवहारों को विवादहीन बनाने, व्यावसायिक वातावरण के अनुरूप लेखांकन प्रविधियों को सरल बनाने एवं वित्तीय विवरणों को सहजता प्रदान करने की दृष्टि से लेखांकन प्रमाप या…
Contents लेखांकन के सैद्धान्तिक आधार को लोचपूर्ण बनाने, विवादित लेखांकन व्यवहारों को विवादहीन बनाने, व्यावसायिक वातावरण के अनुरूप लेखांकन प्रविधियों को सरल बनाने एवं वित्तीय विवरणों को सहजता प्रदान करने की दृष्टि से लेखांकन प्रमाप या…
लेखांकन का उद्गम एवं विकास पुस्तपालन एवं लेखाकर्म का इतिहास धन के इतिहास से सम्बन्धित है। इस तथ्य के प्रमाण उपलब्ध है कि बेबीलोनियन तथा वैदिक सभ्यता काल में वित्तीय लेखाकर्म किसी न किसी रूप में था, पर दोहरा लेखा प्रणाली वाला लेखाकर्म सर्वप्रथम इटली मे…
खुदरा रोकड़ बही से आशय 'खुदरा रोकड़ बही ' वह पुस्तक है, जिनमें व्यापार से सम्बंधित समस्त छोटे-छोटे व्ययों का लेखा किया जाता है; जैसे - स्टेशनरी, डाक व तार व्यय, टिकट व्यय, यात्रा व्यय, मजदूरी व्यय एवं जलपान व्यय आदि |इसके रखे जाने से प्रधान…
तीन खाने वाली रोकड़ बही से आशय तीन खाने वाली रोकड़ बही से आशय है कि प्रायः बड़े-बड़े व्यापारी अपना हिसाब बैक में रखते हैं ; क्योंकि उनके अधिकाँश लेन-देन बैंक के द्वारा ही होतें हैं | इस दशा में इस रोकड़ बही में छूट एवं रोकड़ के खाने के साथ-साथ एक बैंक का …
खाता शब्द से आशय किसी व्यक्ति विशेष य बस्तु से सम्बंधित समस्त लेन-देनों का संक्षिप्त ब्यौरा 'खाता ' कहलाता है |प्रत्येक खाता दो भागों में विभाजित होता है | बाईं ओर वाला भाग ऋणी (Debit Side) तथा दांयी ओर वाला भाग धनी भाग (Credit Side) कहलाता …
दोहरा लेखा प्रणाली का अविष्कार सर्वप्रथम इटली के प्रसिद्ध गणितज्ञ 'लूकस पैसीयोली ' द्वारा सन 1994 ई. में किया गया था | इन सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन उनकी पुस्तक De Computiset Scripturis में किया गया है | एच.ओल्ड कैसिल द्वारा इस पुस्तक का …
एक व्यावसायिक संस्था को अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु कई प्रकार के लेखांकन की आवश्यकता पड़ती है | जिन सिद्धांतों के आधार पर किसी व्यवसाय एवं उद्दोग के कार्यकलापों पर लेखा किया जाता है, उन्हें कई भागो में विभाजित किया जाता है | लेखांकन के बिविध स्वरुप …
लेखाशास्त्र की अवधारणायें लेखाशास्त्र की प्रमुख अवधारणायें निम्नलिखित हैं - रूढ़िवादिता की अवधारणा लेखाकार्य करते समय सभी अनिश्चितताओं और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए इनकी व्यवस्था करने के लिए लेखापाल को को रूढ़िवादी होना चाहिए । सभी संभावित हानि…
पुस्तपालन पुस्तपालन से व्यापारी वर्ग को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं - भूलों से बचाव व्यापारी कि स्मरण- शक्ति कितनी ही तीव्र क्यों न हो वह समस्त व्यापारिक लेन-देनों को याद नही रख सकता | प्रत्येक लेन-देन लिखित में ह…
पुस्तपालन 'या' बहीखाता का अर्थ पुस्तपालन ( Book Keeping ) दो शब्दों से मिलकर बना है पुस्त ( Book ) तथा पालन ( Keeping )। यहाँ पुस्त ( Book ) का अर्थ उन पुस्तकों से है जो व्यवसाय में प्रतिदिन व्यवहारों को लिखने में प्रयोग की जाती है तथा पालन क…
पुस्तपालन (बहीखाता ) से आशय पुस्पालन (Book -Keeping ) दो शब्दों से मिलकर बना है - पुस्त +पालन जिसका शाब्दिक अर्थ "पुस्तको को रखना |" यंहा 'पुस्तकों ' का तात्पर्य उन लेखा पुस्तकों से है , जिनमें व्यापार सम्बन्धी लेन -देन तथा क्रय - …
WhatsApp Group Join Now Telegram Group Join Now लेखांकन का अर्थ लेखांकन का अर्थ वित्तीय प्रकृति के व्यवहारों को लेखा पुस्तकों में लिखने की ऐसी विधि से है ,जिसके आधार पर उन व्यवहारों कि पहचान ,मापन एवं सम्प्रेषण उन व्यक्तियों को किया ज…