जाति व्यवस्था

राजपूतों के अन्तर्गत जाति व्यवस्था के विकास का वर्णन

इस काल में राजस्थान में भोनमाल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का नगर था। सम्भवतः इसी कारण 'श्रीमाल' ब्राह्मण अपने को अन्य ब्राह्मणों से श्रेष्ठ समझते थे। गुजरात में आनन्द नगर भी सम्भवतः सांस्कृतिक महत्व का स्थान था। इसीलिए 'नागर' ब्राह्मण…

राजपूत कालीन जाति व्यवस्था का वर्णन कीजिए।

राजपूतकालीन जाति व्यवस्था व आधुनिक जाति व्यवस्था में काफी समानता है। प्राचीन काल से चले आ रहे चार जातियों के अतिरिक्त राजपूत काल में अनुलोम व प्रतिलोम विवाहों तथा जीविकोपार्जन के विभिन्न व्यवसायों के आधार पर, अनेक नवीन जातियों का प्रादुर्भाव हो गया था…

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