कोई भी साहित्य का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अपनी पूर्व परम्परा से विकास होता है। समकालीन साहित्य भी परस्पर प्रभावित होते रहते हैं। हिन्दी के आदि साहित्य को संस्कृत अपभ्रंश आदि हो विरासत में मिली थी आदिकाल में भी हिन्दी के समानांतर संस्कृत और अप…