परिचय Introduction
अवांछित बाल उन बालों को कहा जाता है, जोकि मनुष्य के शरीर पर अतिरिक्त बालों की श्रेणी में आते हैं। मनुष्य के सम्पूर्ण शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते हैं, जोकि सामान्यतया त्वचा के रंग से मेल खाते हैं। सुपरफ्लोअस बालों से अभिप्राय अनचाहे, अवांछित अथवा अतिरिक्त बालों से है. जोकि देखने में अच्छे नहीं लगते है तथा मनुष्य की सुन्दरता को भी कम कर देते हैं। इसलिए इन अवांछित वालो को हटाने के लिए विभिन्न तरीको को प्रयोग में लाया जाता है। इन तरीकों में से कुछ स्थायी एवं कुछ अस्थायी तरीके होते हैं, जिन्हें मनुष्य अपनी आवश्यकता एवं इच्छा के अनुसार प्रयोग करते हैं।
प्राचीन समय में अवांछित बालों को हटाने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले तरीके दर्दनाक (painful) एवं त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले होते थे। इनके फलस्वरूप त्वचा सम्बन्धी विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते थे। इस क्षेत्र में निरन्तर होने वाले अन्वेषणों द्वारा आजकल बाजार में विभिन्न प्रकार के उत्पाद उपलब्ध है जो सरलता से मनुष्य के शरीर से अवांछित बालों को सरलता से हटाने में सक्षम हैं। ये विधियों सरल होने के साथ-साथ त्वचा को नुकसान भी नहीं पहुँचाती है तथा मनुष्य की सुन्दरता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती हैं। इस लेख में हम अवांछित बालों को अस्थायी रूप से हटाने के विषय में विस्तार से जानेगे तथा उनसे सम्बन्धित सुरक्षा सावधानियों व विधियों का भी अध्ययन करेंगे।
केश वृद्धि चक्र Hair Growth Cycle
एक कॉस्मेटोलॉजिस्ट को केश वृद्धि चक्र को समझना इसलिए अनिवार्य हो जाता है, क्योंकि इसके आधार पर ही वह केश वृद्धि की सम्पूर्ण प्रक्रिया को समझकर अपने कार्य को सरल बना सकती है। केश वृद्धि चक्र की सामान्यतया तीन स्टेज दर्शाई जाती है, परन्तु कभी-कभी इन्हें चार चरणों में भी समझाया जाता है। इसलिए यहाँ पर सभी चरणों को विस्तार से समझाया गया है। चित्र में केश वृद्धि चक्र की चारों स्टेजों को दर्शाया गया है, जिन्हें देखकर एक कॉस्मेटोलॉजिस्ट सरलता से केश वृद्धि प्रक्रिया को समझ सकता है।
एनेजन स्टेज के पूर्ण होने के पश्चात् वह चक्र के प्रत्येक चरण में कमजोर एवं पतला होता रहता है अर्थात् एनेजन स्टेज में उसका सम्पूर्ण विकास हो जाता है। अतः मनुष्य को सदैव पुष्ट आहार लेना चाहिए, जोकि उनके केशों को स्वस्थ एवं उचित पोषण प्रदान करने में सक्षम हो। यदि केश एनेजन से आगे के चरणों में शीघ्र प्रवेश करते हैं, तो वह शीघ्र ही कमजोर एवं पतले होकर टूटना आरम्भ हो जाते हैं। इसलिए एक कॉस्मेटोलॉजिस्ट को ग्राहक के केशों का सही प्रकार अध्ययन करके उन्हें उचित सलाह प्रदान करनी चाहिए। उसे ग्राहक के खान-पान को भी समझकर एवं जानकर उचित एवं पुष्ट आहार की सलाह देनी चाहिए तथा नुकसान पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहने का सुझाव भी देना चाहिए।
यह भी पढ़ें- कीटाणुहनन एवं आरोग्यविद्या : Sterilization and Sanitization- NCVT ITI
यह भी पढ़ें- व्यक्तित्व विकास एवं संचार योग्यताएँ : Personality Development and Communication Skills- NCVT ITI
अवांछित बालों को हटाने का उद्देश्य Purpose of Removing the Superfluous Hair
आरम्भ से ही मानव अपनी सुन्दरता के प्रति जागरूक रहा है तथा सुन्दर दिखने के लिए नित नए प्रयोग करता रहा है। अवांछित बाल उसके सौन्दर्य को घटा देते हैं। इसलिए इन्हें हटाने के लिए वह विभिन्न प्रकार की विधियों का प्रयोग करता है। अवांछित बालों को हटाने के पीछे छिपे उद्देश्यों से पूर्व उनके उगने के कारणों को जानना अनिवार्य है, जोकि निम्नलिखित है-
- मनुष्य के शरीर में उपस्थित हार्मोन्नर के ज्यादा एक्टिव (active) हो जाने के कारण शरीर पर रोएँ अधिक हो जाते हैं।
- आनुवंशिकता के कारण भी व्यक्ति के शरीर पर अनचाहे बाल हो जाते हैं।
- कभी-कभी हेयर रिमूविंग का गलत तरीका अपनाने की वजह से भी बाल अधिक उगने लगते हैं।
- कई बार शरीर की सफाई उचित प्रकार से न रखने के कारण भी बाल अधिक उगने लगते हैं।
- कभी-कभी अधिक दवाइयों के सेवन से भी बाल अधिक उगने लगते है।
मनुष्य के शरीर पर विभिन्न कारणों से अवांछित बाल उग जाते हैं, जोकि उनकी सुन्दरता को कम कर देते हैं। इसलिए अवांछित बालों को हटाने के उद्देश्य निम्न प्रकार समझे जा सकते है-
- सुन्दरता में वृद्धि करने हेतु ।
- शरीर को साफ रखने सम्बन्धी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु।
- अवांछित बालों से विभिन्न प्रकार की त्वचा (skin) सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। इसलिए उन्हें दूर करने के लिए अवांछित बालों को हटाना अनिवार्य हो जाता है।
- व्यक्ति के प्रोफेशन की आवश्यकता की पूर्ति हेतु।
- गर्मी के मौसम में पसीने से उत्पन्न होने वाली बदबू को दूर करने हेतु।
अवांछित बाल हटाने की विधियाँ Methods of Superfluous Hair Removing
आजकल बाजार में अवांछित बालों को हटाने की विविध प्रणालियों प्रचलित है, जिन्हें मनुष्य अपनी आवश्यकता एवं आर्थिक स्थिति के अनुसार प्रयोग में लाता है। पहले की तुलना में ये विधियाँ अपेक्षाकृत सरल एवं दर्दरहित (painless) हैं। इन विधियों को निम्न प्रकार समझा जा सकता है-
अस्थायी विधि Temporary Method
अस्थायी विधि वह विधि है, जिससे बालों को कुछ समय के लिए हटाया जा सकता है। अस्थायी विधियों में से किसी का भी प्रयोग करने के 2-3 दिन बाद बालों की वृद्धि (growth) पुनः शुरू हो जाती है। जिन लोगों की त्वचा पर बालों की संख्या कम अथवा नगण्य होती है अगर वे अस्थायी विधि का प्रयोग बार-बार करें, तो कुछ समय पश्चात् उनके शरीर पर उपस्थित बालों का विकास बन्द हो जाता है। अस्थायी विधियों को निम्न दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है
एपीलेशन विधि Epilation Method
एपीलेशन विधि अवांछित बाल हटाने की वह विधि है, जिसमें यान्त्रिक रूप (mechanically) से प्रत्येक बाल को पकड़ा जाता है तथा फिर उसे स्किन से बाहर निकाला जाता है। रोम में इस विधि को स्नान के समय प्रयोग में लाया जाता है, क्योंकि इस अवस्था में मनुष्य के शरीर के बाल मुलायम रहते हैं। एपीलेशन विधि अवांछित बालों को हटाने के लिए प्रयुक्त होने वाली अस्थायी विधि के अन्तर्गत आती है, क्योकि इसके द्वारा हटाए गए बाल कुछ समय के पश्चात् फिर उगने आरम्भ हो जाते हैं। एपीलेशन विधि के अन्तर्गत आने वाली विधियाँ निम्नलिखित हैं-
ट्विजिंग विधि Tweezing Method- मनुष्य के शरीर में उपस्थित रोमछिद्रों (follicle) से सम्पूर्ण बाल को निकालने हेतु प्रयुक्त होने वाली ट्विजिग विधि कॉस्मेटोलॉजी के क्षेत्र में सर्वाधिक बेसिक विधि है। इस विधि का प्रयोग करने से स्किन पर बाल दो से चार सप्ताह तक दिखाई नहीं देते है। चित्र में ट्विजिग प्रक्रिया को दर्शाया गया है, जिसके द्वारा एक प्रशिक्षणार्थी आसानी से इस विधि को समझ सकता है।
वैक्सिग विधि Waxing Method- मनुष्य शरीर की त्वचा पर जिस स्थान पर अधिक संख्या में बाल उपस्थित होते हैं, वहाँ से उनकी हटाने के लिए वैक्सिग विधि का प्रयोग किया जाता है। वैक्सिंग के अन्तर्गत पारम्परिक कठोर वैक्स (traditional hard wax) एवं अधिक सामान्य मुलायम वैक्स (most common soft wax) विधियाँ आती हैं। कठोर वैक्सिग प्रक्रिया में गर्म की गई तरल वैक्स को वांछित स्किन एरिया पर फैलाते हैं तथा उसको सूखकर कठोर होने देते हैं। इसके पश्चात् उसे अंगुलियों की सहायता से तेजी से खींचकर हटा देते हैं। कठोर वैक्स मनुष्य शरीर की त्वचा पर नहीं चिपकती है। यह केवल बालों पर ही चिपकती है। इसलिए यह सेन्सिटिव त्वचा वाले लोगों पर भी प्रयुक्त की जा सकती है। कठोर वैक्सिग बालों को गहराई तक हटाने के लिए अधिक प्रचलित विधि है। मुलायम वैक्स (soft wax) अथवा स्ट्रिप को चित्रानुसार स्पेचुला की सहायता से स्किन पर फैलाया जाती है तथा एक कॉटन अथवा पेपर स्ट्रिप को उसके ऊपर रखकर शीघ्रता से खींच लिया जाता है। मुलायम वैक्स, कठोर वैक्स के समान हार्ड नहीं होती है तथा यह कठोर वैक्स से तीव्र (fast) भी होती है। वैक्सिग विधि के द्वारा बाल 2-8 हफ्तों तक स्किन पर दिखाई नहीं देते हैं।
एक बार वैक्स कर लेने के बाद बाल जल्दी नहीं उगते हैं। बार-बार वैक्स करने के बाद एक समय ऐसा आता है जब बाल उगना ही बन्द हो जाते हैं। वैक्सिग करने के लिए निम्न सामग्री की आवश्यकता पड़ती है: जैसे- वैक्स, वैक्स हीटर, नाइफ, वैक्स स्ट्रिप्स, पानी एवं पाउडर। वैक्सिग हेतु जिस जगह पर वैक्स करना है उस पर पाउडर लगाएँ। फिर बटर नाइफ से गर्म वैक्स उस स्थान पर लगाएँ। वैक्स लगाने से पहले ग्राहक से वैक्स चेक करा लें कि वैक्स उसकी त्वचा के अनुसार अधिक गर्म तो नहीं है। इसके बाद वैक्स के ऊपर वैक्सिग स्ट्रिप्स रखें और धीरे-धीरे रब करें। फिर स्ट्रिप का एक सिरा पकड़कर बाल की उल्टी दिशा में झटके से खींचे। वैक्सिग हो जाने के बाद उस स्थान को पानी से या गीले कॉटन से साफ कर दें।
थ्रेडिंग विधि Threading Method- थ्रेडिंग विधि ट्विजिंग विधि के ही समान होती है, परन्तु इसमें अवांछित बालों को हटाने हेतु डबल कॉटन थ्रेड को रॉल (roll) करके प्रयोग में लाया जाता है। इस विधि का उद्भव भारतवर्ष में ही हुआ है। इस विधि में बाल को उनको ग्रोथ के विपरीत दिशा में खोंचा जाता है जिससे बाल टूट जाता है। यह विधि ट्विजिग विधि की अपेक्षा अधिक यथार्थ (accurate) एवं तीव्र (fast) होती है। इसका प्रयोग मुख्यतः चित्रानुसार, आइब्रो के लिए किया जाता है, परन्तु कभी-कभी यह अपरलिप्स, हाथों एवं पैरो के लिए भी उपयोग कर ली जाती है।
घूर्णीय एपीलेटर Rotary Epilator- घूर्णीय एपीलेटर चित्रानुसार एक इलेक्ट्रिक रेजर (electric razor) के समान युक्ति होती है। इसमें एक्टिव हेड (head) के स्थान पर कम्पनयुक्त अथवा पूर्णीय ब्लेड (vibrating or rotating blades) उपस्थित होते हैं। इसके घूर्णीय ब्लेड घूमते हुए अवांछित बालों को पकड़ लेते हैं तथा खींचकर त्वचा से अलग कर देते हैं। यह विधि 1-3 हफ्ते के लिए त्वचा पर से बालों को हटा देती है। इसका प्रयोग सामान्यतया पैरों एवं हाथों के लिए किया जाता है।
डेपीलेशन विधि Depilation Method
मनुष्य शरीर से अवांछित बाल निकालने के लिए क्रीम का भी प्रयोग किया जाता है तथा इसके लिए प्रयुक्त की जाने वाली विधियों को डेपीलेशन विधि कहा जाता है। इसके अन्तर्गत निम्नलिखित विधियाँ सम्मिलित होती है-
शेविंग विधि Shaving Method- शेविंग (shaving) विधि के द्वारा बाल आसानी से हटाए जा सकते हैं। यह कम समय में त्वचा पर से, सफाई से सारे बालों को हटा देती है। साधारणतया शेविंग विधि का प्रयोग अण्डरआर्म्स (underarms) तथा पैरों (legs) के लिए होता है। शेविंग हेयर रिमूविंग का एक सस्ता साधन है। शेविंग विधि का प्रयोग अधिकतर पुरुष करते हैं। शेविंग में बाल त्वचा के ऊपर से कट जाते हैं। इस विधि से त्वचा काली पड़ने का डर रहता है। शेविंग का प्रयोग महिलाएं कम करती है, क्योंकि इससे त्वचा रफ (rough) एवं काली हो सकती है। शेविंग के लिए प्रयोग होने वाले रेजर दो प्रकार के होते हैं- मैनुअल रेजर एवं इलेक्ट्रॉनिक रेजर।
मैनुअल रेजर को शेविंग मशीन में लगाकर प्रयोग किया जाता है तथा जिस भाग के बाल हटाने हों वहाँ के बालों को साबुन अथवा शेविंग क्रीम के झाग से मुलायम कर देते हैं। इसके पश्चात् शेविंग मशीन को उस भाग पर हल्का दबाकर चलाते हैं जिससे बाल कट जाते हैं। इसका प्रयोग बहुत ध्यान से करना चाहिए, क्योंकि ब्लेड (razor) से त्वचा कट सकती है तथा इन्फेक्शन होने का भी खतरा हो सकता है। इस विधि में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रयोग किए गए रेजर का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक रेजर (electronic razor) बिजली से चलता है तथा इसके प्रयोग से पहले बालों को गीला करना आवश्यक नहीं है इसके द्वारा हेयर रिमूव करना आसान होता है तथा कटने का भी भय नहीं रहता है। चित्र में शेविंग विधि में रेजर के प्रयोग करने की प्रक्रिया को स्पष्टतया दर्शाया गया है।
डेपीलेटरी क्रीम एवं पाउडर Depilatory Creams and Powders- अवांछित बालों को हटाने का एक सरल तरीका डेपीलेटरी क्रीम एवं पाउडर का उपयोग करना है जिसका प्रयोग अधिकतर महिलाओं द्वारा किया जाता है। इस प्रकार के मिश्रण में कैल्शियम चियोग्लाइकोलेट अथवा पोटैशियम चियोग्लाइकोलेट (calcium thioglycolate or potasium thioglycolate) का प्रयोग किया जाता है जोकि बालों को कमजोर बना देता है और फिर उन्हें आसानी से हटाना सम्भव हो जाता है। हेयर रिमूविंग क्रीम का विभिन्न कम्पनियों के द्वारा निर्माण किया जा रहा है। यह अनचाहे बालों को हटाने का सबसे आसान तथा सस्ता साधन है। यह विधि बालों को हटाने में अधिक समय भी नहीं लेती है तथा अच्छा परिणाम (result) भी देती है। इस विधि से व्यक्ति हाथों, पैरो तथा अण्डर आर्म्स के अवांछित बालों को हटा सकता है।
हेयर रिमूविंग क्रीम का प्रयोग करना बेहद आसान है। क्रीम स्पेचुला से निकालकर वांछित अंग की त्वचा पर लगाएँ तथा पैक पर लिखे निर्देशित समय तक क्रीम लगी रहने दें। जब क्रीम को हटाने के वक्त क्रीम लगे स्थान के बाल खड़े हो जाते हैं। तब स्पेचुला के दूसरे चौड़े सिरे को बालों के विकास की उल्टी दिशा की ओर खींच कर साफ करें, जिससे क्रीम के साथ-साथ सारे बाल भी त्वचा से अलग हो जाएंगे। जब सारे अवांछित बाल हट जाएँ तो हल्के गुनगुने पानी से त्वचा को साफ कर लें।
डेपोलेटरी क्रीम अथवा पाउडर को चोट लगे स्थान पर, कटे, छिले वाले स्थान पर प्रयोग न करें। इसके प्रयोग के समय कम्पनी के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन अवश्य करें। हेयर रिमूविंग क्रीम का पहली बार इस्तेमाल करने से पहले एलर्जी टेस्ट अवश्य कर ले तथा क्रोम का प्रयोग करने के बाद कम-से-कम तीन दिनों तक साबुन अथवा शैम्पू का प्रयोग त्वचा पर नहीं करना चाहिए।
स्थायी विधि Permanent Method
स्थायी रूप से अनचाहे बालों को हटाने के कई तरीके हैं। स्थायी रूप से बालों को हटाने के लिए ग्राहक को सहन करने की क्षमता तथा आर्थिक स्थिति (financial status) को ध्यान में रखकर ही विधि को चुनना चाहिए। स्थायी रूप से बालों को हटाने की दो विधियाँ निम्न हैं-
इलेक्ट्रोलाइसिस विधि Electrolysis Method
इलेक्ट्रोलाइसिस अनचाहे बालों को हटाने का स्थायी तरीका है। इलेक्ट्रोलाइसिस विधि में हेयर फॉलिकल (hair follicle) को नष्ट कर देते हैं जिससे बाल दुबारा नहीं उगते हैं। इस विधि में चित्रानुसार निडिल (niddle) का प्रयोग किया जाता है, जिसको हेयर फॉलिकल में डालकर उसमें शॉर्ट इलेक्ट्रिक करण्ट (electric current) देते हैं।
प्रत्येक हेयर फॉलिकल में बहुत कम मात्रा में पानी तथा नमक का मिश्रण होता है जिससे यह कार्य सरलता से सम्पन्न हो जाता है। इलेक्ट्रिकल करण्ट देने से हेयर फॉलिकल नष्ट हो जाता है तथा बाल को आसानी से ट्विजर (tweezer) से पकड़ कर खोच लिया जाता है। इलेक्ट्रोलाइसिस विधि स्थायी रूप से बालों को हटाने की सर्वोतम विधि है। यह प्रक्रिया खर्चीली होने के साथ-साथ दर्दनाक भी होती है। इलेक्ट्रोलाइसिस विधि का प्रयोग एक योग्य विशेषज्ञ से ही करानी चाहिए अन्यथा इस प्रक्रिया का ग्राहक की त्वचा पर बुरा असर भी पड़ सकता है तथा त्वचा जल भी सकती है।
थर्मोलाइसिस विधि Thermolysis Method
धर्मोलाइसिस विधि में हेयर रिमूविंग की प्रक्रिया बिल्कुल इलेक्ट्रोलाइसिस की ही तरह है। इसमें अन्तर यह है कि इलेक्ट्रोलाइसिस विधि में शॉर्ट करण्ट दिया जाता है तथा धर्मोलाइसिस में उच्च फ्रीक्वेंसी की एनजों से हेयर फॉलिकल (follicle) मे करण्ट दिया जाता है। इसके इलेक्ट्रिक करण्ट के कारण वहाँ के टिशू (ऊतक) को गर्माहट मिलती है तथा यह हेयर फॉलिकल के डर्मल पिला (dermal pilla) को नष्ट करके केश के विकास (growth) को बन्द कर देती है।
हेयर रिमूविंग का यह तरीका इलेक्ट्रोलाइसिस की अपेक्षा कम असरकारक है। यह विधि बालों को 6 से 12 महीनों के लिए हटा देती है तथा कई बार सदैव के लिए भी कुछ बालों को समाप्त कर देती है।
उत्पाद ज्ञान Product Knowledge
अवांछित बालों को हटाने के लिए प्रयुक्त होने वाले उत्पादों का भली-भांति ज्ञान होना एक कॉस्मेटोलॉजिस्ट के लिए अनिवार्य होता है, क्योंकि उत्पाद के ज्ञान के आधार पर ही वह उचित निर्णय लेकर ग्राहक को सन्तुष्ट कर सकता है। वैक्सिग हेतु प्रयुक्त होने वाली गर्म वैक्स (hot wax) को बनाने के लिए मोटी सतह वाले बर्तन में 250 मिली नींबू का रस लेकर इसमें 600 ग्राम चीनी डालकर व मिलाकर इसको गैस पर धीमी आँच पर रखें तथा लगातार हिलाते रहें। 5 से 6 मिनट बाद गैस तेज करके उबाल आने के बाद आंच धीमी कर दें। उसको 2 से 3 मिनट हिलाकर चाशनी की तरह तैयार करो। इसकी जांच हेतु आधा कप पानी में चाशनी की कुछ बूंदें डालें। यदि बूंद पानी में बैठ जाए तो आपको वैक्स तैयार है अन्यचा यदि बूंदे पानी में मिक्स हो जाएँ तो अभी थोड़ी कसर बाकी है। इसके लिए पुनः उसे गर्म करो तथा तब तक पकाएँ जब तक कि चाशनी की तार तैयार न हो जाए।
इसके अतिरिक्त ठण्डी वैक्स (cold wax) बनाने हेतु आधे कप पानी में दो कप चीनी डालकर हल्की सी आंच पर रखें तथा तब तक हिलाते रहो जब तक पतली पेस्ट न बन जाए। अब 7-8 मिनट बाद नींबू का रस लेकर उसमें मिक्स करें। अब मिश्रण को आँच पर रखे। जब उसका रंग हल्का भूरा हो जाए तो नीचे उतार कर ठण्डा होने दें। हल्का ठण्डा होने के बाद डेढ़ (15) चम्मच ग्लिसरीन इसमें डाल दें तथा अच्छी प्रकार मिक्स करके जार में डाल लें।
हेयर रिमूविंग अथवा डेपीलेटरी क्रीम के निर्माण में सामान्यतया थियोग्लाइकोलेट साल्ट एवं सल्फाइड का प्रयोग किया जाता है। थियोग्लाइकोलेट साल्ट में कैल्शियम वियोग्लाइकोलेट एवं पोटैशियम चियोग्लाइकोलेट जैसे पदार्थों का प्रयोग किया जाता है। ये अवांछित बालों में केमिकली अथवा फिजिकली रूप से हटाने के लिए शरीर के विभिन्न हिस्सों पर प्रयोग की जाती है। आज के समय में बाजार में उपलब्ध होने वाली हेयर रिमूविंग क्रीम अपेक्षाकृत जलन रहित, अधिक प्रभावी एवं अधिक समय तक चलने वाली होती है।
एलर्जी परीक्षण Allergy Test
एक कॉस्मेटोलॉजिस्ट को किसी भी उत्पाद का प्रयोग ग्राहक की त्वचा पर करने से पूर्व उसका पैच टेस्ट (patch test) अवश्य कर लेना चाहिए। इस परीक्षण के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले उत्पाद को ग्राहक के हाथों की कोमल त्वचा पर लगाकर किया जाता है। इसके लिए पहले उत्पाद की थोड़ी-सो मात्रा हाथ के छोटे हिस्से पर 5 से 10 मिनट तक लगाकर रखते हैं तथा समय पूर्ण हो जाने के पश्चात् उसे गीले कपड़े से साफ कर देते हैं। अब कुछ समय तक प्रतीक्षा करने के पश्चात् यदि ग्राहक की त्वचा पर कोई रिएक्शन (reaction) नहीं होता है तो उस उत्पाद को ग्राहक की इच्छानुसार वांछित त्वचा पर लगाकर कार्य सम्पन्न कर लेते हैं। त्वचा का लाल पड़ना, खुजली उत्पन्न हो जाना अथवा दाने निकल आना उत्पाद के रिएक्शन के कारण हो जाता है। रिएक्शन करने वाले उत्पाद पर प्रयोग ग्राहक की त्वचा पर नहीं करना चाहिए तथा ग्राहक की डिटेल के साथ ही उस उत्पाद के रिएक्शन के विषय में नोट कर लेना चाहिए जिससे बार-बार परीक्षण करने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। इस प्रकार ग्राहक सम्वन्धी जानकारी को कॉस्मेटोलॉजिस्ट द्वारा अपने पास नोट कर लेने से ग्राहक पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
ग्राहक परामर्श Client Consultation
एक कॉस्मेटोलॉजिस्ट को ग्राहक से मिलने के पश्चात् सर्वप्रथम उसकी इच्छाएं पूछनी एवं समझनी चाहिए तथा फिर उसके पश्चात् उनके लिए सर्वोत्तम विकल्प का सुझाव देना चाहिए। ग्राहक को बताए गए विकल्प के साथ-साथ उसके लाभ एवं हानि की भी चर्चा अवश्य करनी चाहिए जिससे उसके मन में कोई संशय न रहे। अब ग्राहक के अन्तिम निर्णय के अनुसार ही कॉस्मेटोलॉजिस्ट को कार्य की लिस्ट बनानी चाहिए तथा क्रमानुसार एक-एक कार्य सम्पन्न करना चाहिए।
विधि Procedure
कॉस्मेटोलॉजिस्ट को कोई भी कार्य करने से पूर्व उसकी विधि की सम्पूर्ण जानकारी ले लेनी चाहिए तथा साथ ही साथ उसके लाभ एवं साइड इफेक्ट को भी समझ लेना चाहिए। यदि ग्राहक को किसी उत्पाद से एलर्जी हो जाती है तो उसे सही करने के लिए उपचार सम्बन्धी विधि का ज्ञान होना भी आवश्यक है। अवांछित बालों को हटाने की विभिन्न प्रकारों की सम्पूर्ण विधि का वर्णन पूर्व के शीर्षकों में किया जा चुका है। इसलिए यहाँ पर पुनः उनका वर्णन करना अनुचित है। अतः प्रत्येक विधि का ध्यानपूर्वक अध्ययन करके कॉस्मेटोलॉजिस्ट को उसके प्रत्येक चरण का अनुसरण करना चाहिए तथा ग्राहक को पूर्णतया सन्तुष्ट करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर वैक्सिंग कार्य को सम्पन्न करने हेतु निम्न प्रक्रिया को अपनाना चाहिए-
ठण्डी वैक्स की प्रयोग विधि Method of using Cold Wax
- साफ कॉटन पर एस्ट्रिंगजेन्ट लगाकर उस स्थान पर ही एप्लाई करें जहाँ के बाल हटाने हो, वहाँ से स्किन साफ हो जाएगी और इन्फेक्शन भी नहीं होगा।
- अब कीटाणुरहित कॉटन का एक पीस और टेलकम पाउडर लेकर उस एरिया पर एप्लाई करें। इससे स्किन ड्राई हो जाएगी और वैक्स लगाने के लिए तैयार हो जाएगी।
- अब स्पैचुला (spetula) से वैक्स को हेयर ग्रोथ की दिशा में फैलाएँ।
- अब कॉटन स्ट्रिप को लेकर वैक्स को कवर करें और दबाएँ ताकि स्ट्रिप उससे फिक्स हो जाए।
- निचले किनारे से स्ट्रिप को पकड़े और निचले किनारे को स्पॉट दिशा में खींच लें। सारे बाल जो वैक्स के एरिया में आते हैं, वह उस स्ट्रिप के साथ उत्तर जाएँगे।
- यदि प्रक्रिया के दौरान कहीं-कहीं बाल रह जाएँ तो उस पर पुनः थोड़ी थोड़ी वैक्स लगाकर बाल उतार लें।
- उस एरिया को एस्ट्रिंगजेन्ट वाले कॉटन से साफ करें और हल्की फोल्ड क्रीम को रब (rub) करें ताकि स्किन चिकनी (smooth) हो जाए।
- एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि वैक्स एप्लाई करनी है तो छोटे-छोटे एरिया में करें। एकदम लम्बे एरिया में वैक्स एप्लाई नहीं करनी चाहिए।
गर्म वैक्स की प्रयोग विधि Method of using Hot Wax
गर्म वैक्स फेरा फण्ड (phera fund) जैसे सब्सटैन्स से बनती है, यह लगाने के बाद एकदम सूख जाती है। यह आम तौर पर छोटे एरिया पर लगाई जाती है; जैसे- ऊपरी होंठ (upper lips), भौहे (eye brow) एवं ठोड़ी (chin) आदि। प्रायः बाजार में आसानी से हॉट वैक्स कन्टेनर मिल जाता है। यह सीधी आग पर गर्म की जाती है। फिर उसको वांछित एरिया पर एप्लाई किया जाता है।
इसका प्रयोग लकड़ी के स्पैचुला (wooden spetula) से किया जाता है। इसको सीमित एरिया में एक किनारे से दूसरे किनारे तक ले जाया जा सकता है तथा इसको उसी प्रकार ही उतारा जाता है। इसमें कॉटन स्ट्रिप की जरूरत नहीं होती है। गर्म वैक्स की मोटी परत (hot wax thickly layer) प्रयोग करनी चाहिए। इस प्रकार इसका किनारा आसानी से पकड़ा जा सकता है। वैक्स को हटाने के बाद एस्ट्रिंगजेन्ट और कोल्ड क्रीम का प्रयोग किया जाता है, ताकि स्किन मुलायम हो जाए।
विपरीत प्रक्रिया एवं संकेत Contra Actions and Indications
विपरीत एक्शन वह रिएक्शन है जोकि किसी उपचार (treatment) के दौरान अथवा उसके पश्चात् घटित होता है। इस रिएक्शन के अन्तर्गत त्वचा के लाल होने से लेकर एलर्जी तक की स्थिति आती है। यदि किसी भी उपचार के समय विपरीत एक्शन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तो उसी समय उपचार को रोक देना चाहिए। यदि विपरीत एक्शन की स्थिति उपचार के पश्चात् उत्पन्न होती है तो उसे भविष्य के लिए कॉस्मेटोलॉजिस्ट को अपने पास नोट कर लेना चाहिए जिससे इस प्रकार की स्थिति पुनः उत्पन्न न हो। विपरीत इण्डीकेशन वे इण्डीकेशन होते हैं, जिन परिस्थितियों में विशिष्ट कार्य को करना मना होता है। उदाहरणस्वरूप निम्न परिस्थितियों में मसाज नहीं करनी चाहिए-
- उच्च तापमान, बुखार, सूजन इत्यादि में।
- सिर की दुर्घटना एवं सर्जरी की स्थिति में।
- स्कल्प (scalp) इन्फेक्शन में।
- फंगल, वायरल, बैक्टीरियल इत्यादि इन्फेक्शन की स्थिति में।
- बहुत अधिक अथवा बहुत कम ब्लड प्रेशर की अवस्था में।
सुरक्षा सावधानियाँ Safety Precautions
अवांछित बालों को हटाने की प्रक्रिया को सम्पन्न करते समय कॉस्मेटोलॉजिस्ट को निम्नलिखित सुरक्षा सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए-
- यदि ब्लीचिंग एवं वैक्सिग दोनों प्रक्रिया एक समय पर करनी हो तो पहले ब्लीचिंग करें तथा उसके बाद वैक्सिग करें।
- चोट, मस्से एवं सूजन वाले स्थानो पर वैक्स न करें।
- स्वच्छता हेतु वैक्स कॉटन स्ट्रिप के स्थान पर डिस्पोजल वैक्स स्ट्रिप का प्रयोग करें।
- ग्राहक की त्वचा पर वैक्स प्रयोग करने से पहले उसका तापमान अवश्य चेक कर लें।
- यदि गर्म वैक्स सर्दियों में गाढ़ी हो जाए तो जार को कुछ देर, गर्म पानी में रखने के बाद प्रयोग में लाएँ।
- गर्मियों में वैक्स के पतले हो जाने की स्थिति में उसे आइस बॉक्स (Ice box), अथवा फ्रिज में रखकर प्रयोग करें।
- वैक्सिग करने के बाद शेष बचे बालों को धागे से निकाले।
- थ्रेडिंग अथवा वैक्सिग करने से पहले टेलकम पाउडर अवश्य लगाएँ।
- ब्रेडिंग प्रक्रिया में यदि धागे में अधिक खिचाव उत्पन्न हो तो धागे को गीला कर लें।
- हेयर रिमूविंग क्रीम को बालों की ग्रोथ की विपरीत दिशा में लगाएँ।
- चोट लगे स्थानों पर हेयर रिमूविंग क्रोम अथवा वैक्स का प्रयोग न करें।
- वैक्स को सदैव बटर नाइफ से ही लगाना चाहिए।
- कार्य करते समय स्वच्छता का सदैव ध्यान रखना चाहिए।
- ग्राहक की इच्छा ध्यानपूर्वक सुनकर हो कार्य आरम्भ करना चाहिए।
- ग्राहक को अपने कार्य से पूर्ण सन्तुष्ट करना चाहिए।
- वैक्सिग स्ट्रिप को सदैव विपरीत दिशा में खींचना चाहिए।