मेरे प्यारे साथियों UP TGT PGT परीक्षा प्रश्नों के नवीनतम परीक्षा पैटर्न और Trends को जानकर अपनी UP TGT PGT परीक्षा की तैयारी करें। UP TGT PGT की परीक्षा पास करने के लिए Praveen education blog आवश्यक तैयारी करने का सही ज्ञान प्रदान करता है और आपको भरपूर जानकारी भी देता है। UP TGT PGT प्रश्न बैंक में सभी UP TGT PGT COMMERCE परीक्षा प्रश्न हिंदी में हैं।
UP TGT PGT परीक्षा 2024 के सभी विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे परीक्षा को अच्छे number से पास करने के लिए नियमित रूप से UP TGT PGT अभ्यास सेट का अध्ययन तथा अभ्यास करें और किसी भी प्रकार की गलतियों से बचने के लिये और अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए उसके अनुरूप तैयारी करें।
अतः सभी विद्यार्थियों से विनम्र अनुरोध है कि अभ्यास प्रश्नों उत्तरों का विवेकपूर्ण चयन के साथ अभ्यास करें, विश्लेषण करें और हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है और आप खूब मेहनत और लगन के साथ अध्ययन करें और सफल हों।
UP TGT-PGT COMMERCE 2024 Daily Practice SET 01 in Hindi
1. संस्थान के सदस्यों का "CS" उपसर्ग ICSI द्वारा कब दिया गया था ?
- (a) 23-24 जून, 2007
- (b) 17-19 फरवरी, 2008
- (c) 24-27 दिसम्बर, 2006
- (d) 15-18 अक्टूबर, 2005
- (e) 4-6 जनवरी, 2004
- (a) व्यावसायिक अस्तित्व
- (b) चालू व्यवसाय
- (c) दोहरा पहलू
- (d) इनमें से कोई नहीं
- (a) Central Government/केन्द्रीय सरकार
- (b) State Government/राज्य सरकार
- (c) भारतीय चार्टर्ड लेखाकार संस्थान
- (d) RBI/भारतीय रिजर्व बैंक
Ans. (c) : भारतीय लेखांकन प्रमाप (Indian Accouting Standards) भारत में ICAI या भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेट संस्थान के द्वारा जारी किए जाते है। यह Accounting Standard Board के द्वारा जारी होते है जो ICAI के अधीन है। ASB की स्थापना 1977 तथा ICAI की स्थापना 1949 को हुई थी।
- (a) बहीखाते का कार्यक्षेत्र और रिकॉर्डिंग, वर्गीकरण व सारांश से संबंध सीमित है।
- (b) बहीखाता मुख्य रूप से एक लिपिक कार्य है।
- (c) बहीखाता लेखा अभिलेखों को और अधिक उपयोगी बनाने के लिए लेखांकन पर निर्भर करता है।
- (d) बहीखाता केवल मौद्रिक लेनदेन को मानता है।
- (e) बहीखाता लेखांकन प्रक्रिया के बाद होता है।
- पुस्तपालन का कार्य क्षेत्र रिकार्डिंग, वर्गीकरण व सारांश से संबंधित है।
- यह मुख्य रूप से एक लिपिकीय कार्य है।
- पुस्तपालन लेखा अभिलेखों को अधिक उपयोगी बनाने के लिए लेखांकन पर निर्भर करता है।
- पुस्तपालन में केवल उन्हीं लेनदेनों का लेखा होता है जिन्हें केवल मुद्रा के रूप में तुल्य हैं।
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- (a) पट्टे से
- (b) बंद की गई क्रियाओं से
- (c) अमूर्त सम्पत्तियों से
- (d) EPS/ई.पी.एस.
व्याख्या-
- लेखांकन प्रमाप-19 का संबध पट्टे से है
- (a) पुस्तपालन का कार्य विश्लेषणात्मक प्रकृति का है।
- (b) व्यापारिक लेनदेनों का अभिलेखन करने हेतु पुस्तपालन कला व विज्ञान दोनों हैं।
- (c) लेन-देन निश्चित पुस्तकों के समूह में अभिलेखित किए जाते हैं।
- (d) पुस्तपालन लेखा पुस्तकों में अभिलेखन करने की विधि है।
- पुस्तपालन का कार्य विवरणात्मक प्रकृति का होता है न कि विश्लेषणात्मक प्रकृति का।
- व्यापारिक लेन-देनों का अभिलेखन करने हेतु पुस्तपालन कला व विज्ञान दोनों है।
- लेनदेन निश्चित पुस्तकों के समूह में अभिलेखित किए जाते है।
- पुस्तपालन लेखा पुस्तकों में अभिलेखित करने की विधि है।
- इन लेखों के आधार पर निष्कर्ष नहीं निकाले जाते है और न ही निर्वचन किया जाता है।
7. कर निर्धारण वर्ष कब शुरु होता है ?
- (a) 1 December/1 दिसम्बर से
- (b) 1 April/1 अप्रैल से
- (c) 1 June/1 जून से
- (d) 1 March/1 मार्च से
8. लेखांकन मानक 6 किससे लिए बनाया गया है ?
- (a) स्थाई सम्पत्तियों के लेखांकन के लिए
- (b)ख्याति के लेखांकन उपचार के लिए
- (c) हास लेखांकन के लिए
- (d) लेखांकन नीतियों के प्रकटीकरण के लिए
- (a) Optional/वैकल्पिक
- (b)प्राइवेट लिमिटिड कम्पनियों के लिए अनिवार्य
- (c)सूचीबद्ध कम्पनियों के लिए अनिवार्य
- (d)सभी कम्पनियों के लिए अनिवार्य
10. निम्नलिखित में से कौन सी मदें, AS-3 के अनुपालन में तैयार किये रोकड़ प्रवाह के विवरण में विशेष रूप से समाविष्ट होती हैं?
- (a) ऋण का इक्विटी में परिवर्तन
- (b) सम्पत्ति को पट्टे पर प्राप्त करना
- (c) प्रचालन एवं गैर-प्रचालन नकद प्रवाह सूचना
- (d) विक्रेता को रहन देकर इमारत खरीदना
- (a) ध्यान में लेना।
- (b) भावी लाभों का ध्यान रखना।
- (c) अशोध्य ऋणों का ध्यान रखना।
- (d)स्कन्ध तथा मूल्यह्रास को ध्यान में रखना।
- (a)कम्पनी का चिट्ठा
- (b) निधि प्रवाह विवरण
- (c) नकद प्रवाह विवरण
- (d) समेकित वित्तीय विवरण
- परिचालन गतिविधि से नकदी प्रवाह
- वित्तपोषण गतिविधि से नकदी प्रवाह
- निवेश गतिविधि से नकदी प्रवाह
- (a) 1970
- (c) 1973
- (b) 1972
- (d) 1977
- (a) स्पाइसर तथा पेगलर द्वारा
- (b) जे. आर. बाटलीबॉय द्वारा
- (c) कार्टर द्वारा
- (d) जॉन मेक्नी द्वारा
Ans: (a) 'पुस्तपालन व्यापारिक तथा अन्य व्यवहारों के मौद्रिक रूप में लेखा करने की कला है।' यह परिभाषा स्पाइसर तथा पेगलर महोदय का है। जबकि, प्रो. जे. आर. बाटलीबॉय के अनुसार 'व्यापारिक व्यवहारों को उचित पुस्तकों में लिखने की कला व विज्ञान पुस्तपालन है।' प्रो. कार्टर के अनुसार 'पुस्तपालन वह विज्ञान व कला है जिसके अनुसार मुद्रा व माल के सभी लेन-देन का लेखा हिसाब की पुस्तकों में किया जाता है।
- (a) विलयम पिकिल्स के द्वारा
- (b) एम. जे. कीलर के द्वारा
- (c) आर. एन. कार्टर के द्वारा
- (d) उपर्युक्त किसी के द्वारा नहीं
- (a) अंकेक्षण
- (b) प्रमाणन
- (c) स्टॉक
- (d) क्रय
- (a) अनिपुण अंकेक्षक
- (b) सरकारी अंकेक्षक
- (c) पेशेवर अंकेक्षक
- (d) उपरोक्त में कोई नहीं
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
- (a) व्यय
- (b) आय
- (c) आहरण
- (d) पूँजी
19. निम्नलिखित में से कौन सूचनाओं की प्रक्रिया के रूप में लेखांकन का अन्तिम चरण है?
- (a) सूचनाओं का विश्लेषण एवं निर्वचन
- (b) सूचनाओं का सम्प्रेषण
- (c) लेखा पुस्तकों में आँकड़ों का अभिलेखन
- (d) वित्तीय विवरणों के रूप में सारांश की तैयारी
Ans : (b) लेखांकन के चरण को निम्नलिखित रूप में लिखा जा सकता है-
- वस्तुओं/सेवाओं का लेन-देन
- जर्नल पुस्तकों में लेखा
- खाताबही में खाता खोलना
- शेष निकालना
- तलपट बनाना
- व्यापारिक एवं लाभ-हानि खाता
- आर्थिक चिट्ठा
- लाभ-हानि नियोजन खाता
- सूचनाओं का विश्लेषण एवं निर्वचन
- सूचनाओं का सम्प्रेषण
- उचित निर्णय लेना
अतः स्पष्ट है कि दिये गये विकल्पों में सूचनाओं का सम्प्रेषण लेखांकन का अन्तिम चरण है।
20. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?
- (a) वस्तुओं एवं सेवाओं को बेचने से प्राप्त धनराशि को आगम कहते हैं
- (b) स्वामी द्वारा व्यापार में लगाया गया धन पूँजी कहलाता है
- (c) एक ही प्रकृति के लेन-देनों को एक ही स्थान पर एकत्रित करने को अभिलेखन कहते हैं
- (d) सम्पत्तियाँ बाहरी दायित्व = पूँजी
या पूँजी = सम्पत्तियाँ - बाह्य दायित्व
स्पष्ट है कि विकल्प (c) में दिया गया कथन सही नहीं है।