बालकों के आहार में किन तत्वों की आवश्यकत होती है?

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बालकों के लिए आवश्यक आहार

देश के विभिन्न भागों में हुए पोषण सम्बन्धी सर्वेक्षणों से निश्चित रूप से ज्ञात हुआ कि पोषक तत्वों के अभाव से बालक अत्यधिक दुष्प्रभावित होते हैं। उनको प्रारम्भिक अवस्था में शरीर-वर्द्धन और विकास के लिए पौष्टिक भोजन की विशेष रूप से आवश्यकता होती है। स्कूल जाने वाले बालकों की शरीर-वृद्धि निरन्तर होती रहती है इसलिए उनके भोजन में उन्हें प्रोटीन की अधिक मात्रा मिलनी चाहिए। शरीर विकास के अतिरिक्त उनको सतत् क्रियाशीलता के कारण हुई ऊतकों की टूट-फूट की मरम्मत व पूर्ति के लिए भी बयस्कों की अपेक्षा उन्हें अधिक प्रोटीन चाहिए जो सामान्यतः भारतीय बालकों को उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। 

बालक अत्यधिक क्रियाशील होते हैं इसलिए उन्हें अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अधिकं उर्जा उत्पन्न करने के लिए उनको कार्बोहाइड्रेट और वसा भी पर्याप्त मात्रा में खाना आवश्यक है। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व वसा के साथ-साथ सभी आयु के व्यक्तियों की भाँति वालकों को भी स्वास्थ्य रक्षा करने वाले भोज्य पदार्थों-खनिज लवणों और विटामिन की भी पर्याप्त आवश्यकता होती है।

बालकों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए दूध सर्वाधिक पोपक भोजन है, क्योंकि दूध से प्राप्त होने वाले प्रोटीन उत्तम कोटि के होते हैं। साथ ही इससे प्रोटीन और कैल्शियम के साथ-साथ शक्ति उत्पादकं तत्व - कार्बोज तथा वसा भी प्राप्त होते हैं।

दूध में प्रायः सभी खजिन लवण सन्तुलित मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इसमें विटामिन 'ए' तथा 'बी' मिलते हैं।

यह भी अनुमान लगाया जाता है कि बालकों और बालिकाओं की भोज्य आवश्यकताओं में अन्तर होता है। बालिकाओं को बालकों की अपेक्षा भोजन कम मात्रा में चाहिए। हो सकता है कि उनके शरीर की बनावट, उनके कद और उनके कार्यों की भिन्नता के कारण उनकी भोज्य आवश्यकताएँ कम हों। लड़कों की अपेक्षा सामान्यतः लड़कियाँ खेल-कूद में कम शक्ति व्यय करती हैं। इसलिए लड़कों की अपेक्षा  उनको कम कैलोरियों की आवश्यकता होती है।

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