जीवनवृत्त या आत्मसार का आशय
जीवनवृत्त या आत्म-सार किसी व्यक्ति की योग्यताओं एवं स्वनिर्मित जीवन पथ की उपलब्धियों का संक्षिप्त सार है। आवेदन-पत्र के साथ आवेदक की सम्पूर्ण व्यक्तिगत जानकारी संलग्न की जाती है जिसे जीवन-वृत्त (Curriculum-vitae/Resume) कहा जाता है। यह एक प्रकार से आवेदन की सम्पूर्ण जानकारी को स्पष्ट करता है।
जीवनवृत्त या आत्म-सार का उद्देश्य यह दिखाना होता है कि नियोक्ता जिस प्रकार के आदमी की तलाश कर रहा है वह आप ही हैं और अच्छी तरह आप उसकी जिम्मेदारियाँ पूर्ण कर सकते हैं।
आत्मसार या जीवनवृत्त की विषय-वस्तु
जीवन-वृत्त (Resume/CV) में निम्नलिखित विवरण दिया जाता है-
1. व्यक्तिगत जानकारी
नाम, पता, आयु, लम्बाई, वजन, धर्म, लिंग आदि।
2. शैक्षणिक योग्यताएँ
दसवीं कक्षा से अन्तिम कक्षा तक का विवरण दिया जाता है।
3. अतिरिक्त योग्यताएँ
इसमें भाषाओं का ज्ञान, सामाजिक सेवाएँ, विशिष्ट यात्राएँ, विभिन्न प्रकाशन आदि का विवरण दिया जाता है।
4. अनुभव
(i) क्रियात्मक (कुशलता/दक्षता का विवरण), तथा
(ii) कालिक (तिथि अनुसार) अनुभव का विवरण।
5. अन्य अतिरिक्त सूचनाएँ
रुचि / आदत तथा भाषा सम्बन्धी सूचनाएं ।
6. सन्दर्भ
आत्म-सार में कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम पते सन्दर्भ के रूप में दिये जाने चाहिए।
आत्मसार लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें
जीवन-वृत्त का एक उचित खाका (Structure), रूपरेखा बनाना चाहिए, यद्यपि इसमें कई बातों का समावेश किया जा सकता है। एक जीवनवृत्त अत्यन्त ही आकर्षक, सुबोध व संक्षिप्त होना चाहिए। जीवन-वृत्त मूल आवेदन-पत्र की भाषा के अनुरूप ही तैयार किया जाना चाहिए। यदि आवेदन-पत्र अँग्रेजी में है तो जीवन-वृत्त भी अंग्रेजी भाषा में होना चाहिए।
आत्म-सार लिखते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
1. आत्म- सार में सभी सूचनाएँ ईमानदारी से देनी चाहिए।
2. आत्म- सार यथा सम्भव संक्षिप्त होना चाहिए।
3. आत्म-सार ऐसा होना चाहिए जिससे पढ़ने वाला प्रभावित हो जाये।
4. आत्म-सार बहुत सोच-समझकर तैयार करना चाहिए।
5. आत्म सार की भाषा सरल एवं स्पष्ट होनी चाहिए।
6. आत्म-सार में अपनी विशेष योग्यताओं को विशेष रूप से चिन्हित करना चाहिए।
7. आत्म-सार में व्याकरण सम्बन्धी गलतियाँ नहीं होनी चाहिए।
8. आत्म-सार में अपनी कमजोरियों का विवरण नहीं देना चाहिए।
9. आत्म-सार में रोजगार सम्बन्धी सभी बातों का उल्लेख अवश्यक करना चाहिए।
10. प्रार्थी जिस कम्पनी में आवेदन-पत्र भेज रहा है उसके किन-किन कार्यों के लिए वह योग्य है, इसका उल्लेख आत्म-सार में अवश्य करना चाहिए।
नौकरी के लिए आवेदन-पत्र
प्रत्येक व्यक्ति अपने विद्यार्थी जीवन की समाप्ति के पश्चात् जीवन निर्वहन हेतु आय के साधन प्राप्ति की खोज में होता है। अतः वह किसी न किसी व्यवसाय/व्यापार को अपनाता है। इसके अतिरिक्त किसी शासकीय/अर्द्ध-शासकीय/प्राइवेट संस्थानों में रिक्त पदों की भर्ती के लिए विभिन्न समाचार-पत्रों के माध्यम से विज्ञापन भी प्रकाशित होते हैं। विभिन्न पदों हेतु योग्य उम्मीदवारों से उनके आवेदन-पत्र माँगे जाते हैं। आवेदन-पत्र लिखने के उचित तरीके की जानकारी अत्यन्त आवश्यक है। सामान्यतः आवेदन-पत्र के विज्ञापन में रिक्त पद की सूचना, समाचार-पत्र का नाम / तारीख व पद के उल्लेख से आवेदन-पत्र प्रारम्भ किया जाता है परन्तु यदि रिक्त पद की सूचना अपने मित्र, सम्बन्धी या परिचित व्यक्ति से प्राप्त हुई हो तो 'विश्वस्त सूत्रों' की शैली का प्रयोग किया जाता है।
अन्य शब्दों में, नौकरी हेतु आवेदन-पत्र का प्रारम्भ पदनाम/वेतन (यदि प्रकाशित हो तो) से भी किया जा सकता है। इसके उपरान्त की पंक्ति में शिक्षा सम्बन्धी योग्यताओं व अनुभवों का उल्लेख किया जाता है जिसके अन्तर्गत उत्तीर्ण परीक्षाओं का स्पष्ट उल्लेख, उत्तीर्ण वर्ष, संस्थान का नाम, उत्तीर्ण श्रेणी व किये गये विषयों का उल्लेख होता है। अनुभव सम्बन्धी उल्लेख में वर्ष / समय/कालावधि व नियोक्ता का सन्दर्भ भी आवश्यक है। इस. पत्र में अनावश्यक बातों का उल्लेख नहीं करना चाहिए।
अपनी शैक्षणिक योग्यताओं, अनुभवों से सम्बन्धित प्रमाण-पत्रों को छायांकित प्रतिलिपियाँ (यदि आवश्यक हो तो अभिप्रमाणित करवाकर) आवेदन-पत्र के साथ प्रेषित करना चाहिए। साक्षात्कार में इन अभिप्रमाणित प्रतियों की मूल प्रति को प्रस्तुत करना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि (प्रार्थना) आवेदन-पत्र सदैव टाइप (Typing) करके प्रेषित करें। (हस्तलिखित माँगने पर स्वयं की हस्तलिपि में स्वच्छ / स्पष्ट/सुन्दर शब्दों में लिखें। टाइप आवेदन पत्रों को पढ़ने में सुविधा होती है। आपका आवेदन पत्र सदैव आपकी व्यक्तिगत शैली को कहा करता है। अतः एक नौकरी के लिए आवेदन पत्र में निम्न बातों का स्पष्ट होना आवश्यक है-
1. पद, जिसके लिए आप आवेदन कर रहे हैं।
2. अन्य आवेदकों से पृथक् विशेषताओं/गुणों/बिन्दुओं का उल्लेख।
3. संगठन के बारे में आपकी जानकारी।
4. लिखने की क्षमता/प्रभावपूर्ण बोलना/समस्याओं का समाधान आदि गुण नियोक्ता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
5. सदैव कम्प्यूटर पर अपना आवेदन-पत्र बनवायें। इस हेतु एक प्रमाणिक अक्षरों का चुनाव करें।
6. विशिष्ट व्यक्ति को सम्बोधन का तरीका।
7. आवेदन-पत्र में सम्बन्धियों की जानकारी न दें।
8. नौकरी से सम्बन्ध न रखने वाली बातों की उपेक्षा करें।
9. आवेदन पत्र को सावधानीपूर्वक सम्पादित करना व उसे चैक करना चाहिए।
मरफी के अनुसार- "नौकरी के लिए आवेदन-पत्र एक तरह से 'सम्पर्क पत्र' होता है जिसमें नियोक्ता को आपकी ओर आकर्षित करने के सम्पूर्ण गुण विद्यमान होते हैं।"
एक अच्छे आवेदन-पत्र के गुण
1. एक अच्छे आवेदन-पत्र में बाह्य स्वरूप अत्यन्त आवश्यक होता है। सम्बन्धित आवेदन-पत्र स्वच्छ व स्पष्ट तथा साख-सम्पन्न होना चाहिए। आवेदन पत्र में संगठन के प्रति आपकी रुचि व उसके बारे में कुछ जानकारी का उल्लेख होना चाहिए।
2. आवेदन-पत्र की भाषा-शैली सुबोध, सहज, सरल होनी चाहिए।
3. आवेदन-पत्र में स्पष्ट व सम्पूर्ण सन्देश होना चाहिए।
4. आवेदन-पत्र का प्रारूप अधिकतम एक पृष्ठ का होना चाहिए। अधिक जानकारी को संलग्नक स्वरूप मैं लगाना चाहिए।
5. सम्पूर्ण आवेदन-पत्र जहाँ तक सम्भव हो, 'आप' तथा 'मै ' शैली में हो।
6. आवेदन पत्र में सदैव मैं, मुझे, मेरा आदि शब्दों का प्रयोग आवश्यक है।
आवेदन पत्र की विषय-सूची
एक नौकरी के लिए आवेदन-पत्र के निम्नलिखित संघटक होते हैं -
1. आरम्भ/प्रारम्भ (Starting)
इसका मुख्य उद्देश्य नियोक्ता का ध्यान आकृष्ट कराना होता है। इसमें संगठन को आपकी नियुक्ति के पश्चात् सम्भावित कार्यों का उल्लेख होता है।
2. मध्यम पैराग्राफ (Mid-para)
इसमें आपकी क्षमताओं का उल्लेख होता है। प्रायः यह दो या तीन पैराग्राफ में होता है। इसमें नियोक्ता को आप अपनी खूबियों / क्षमताओं से परिचित कराते हैं, जैसे- शिक्षा, अनुभव, वैयक्तिक व्यवहार, रुचि, गतिविधियों व गुण ।
3. अन्तिम पैराग्राफ (Last-para)
इस भाग में आप साक्षात्कार की तिथियों व पहुँचने के माध्यमों क समय का उल्लेख करते हैं, साथ ही साथ इसमें दूरभाष क्रमांक, पते तथा ई-मेल के पते का जिक्र होता है। यह आवेदन-पत्र के क्रियात्मक भाग को दर्शाता है।
4. हस्ताक्षर (Signature)
आवेदन-पत्र में हस्ताक्षर सदैव नीले या काले रंग की स्याही से होने चाहिए। यदि आवेदक महिला है तो श्री/श्रीमती का प्रयोग अपने नाम के आगे किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति व्यावसायिक डिग्रीधारी हो तो उसे उसका पृथक से उल्लेख करना चाहिए।
5.संलग्नक (Enclosures)
इसमें आवेदन-पत्र के साथ संलग्न प्रपत्रों की संख्या का उल्लेख होता है।
6. आवेदन पत्र व जीवन-वृत्त (समंक) का सम्पादन
हमें आवेदन-पत्र व जीवन-वृत्त का एक कच्चा खाका तैयार करना चाहिए व इसके सम्बन्ध में अन्य व्यक्तियों के द्वारा मत लेना सम्पादन की दृष्टि से अच्छा होगा। एक अनुभवी व्यक्ति आपके इस कार्य को अधिक आसान कर देगा। आपके आवेदन-पत्र व जीवन समंक का आपके द्वारा अनुभवी व्यक्तियों द्वारा गहन अध्ययन करने के पश्चात् इसे अन्तिम रूप प्रदान करना चाहिए।
आवेदन-पत्र के प्रकार
आवेदन-पत्र प्रायः दो प्रकार के होते हैं-
1. प्रार्थित आवेदन पत्र (Solicited Application),
2. अप्रार्थित आवेदन-पत्र (Unsolicited Application) |
1. प्रार्थित आवेदन-पत्र- से अभिप्राय "उस आवेदन-पत्र से है जो विभिन्न समाचार-पत्रों के माध्यम से विभिन्न विज्ञापित या प्रकाशित पद में निर्दिष्ट योग्यताओं व सर्वे के आधार पर तैयार कर प्रेषित किये जाते हैं। ये पूर्व-निर्धारित भी हो सकते हैं।"
2. अप्रार्थित आवेदन पत्र - से अभिप्राय "उस आवेदन-पत्र से है जो किसी अप्रत्यक्ष माध्यम, यथा, मित्र/सम्बन्धी जिन्हें विश्वस्त सूत्र के रूप में सम्बोधित किया जाता है, के आधार पर तैयार कर प्रेषित किये जाते हैं। "
यद्यपि आवेदन-पत्र प्रार्थित हो या अप्रार्थित, दोनों में ही योग्यताओं/अनुभव व अन्य गतिविधियों की प्रस्तुति का क्रम समान होता है। प्रमुख अन्तर इनके आमुख अर्थात् प्रारम्भिक पैराग्राफ में होता है। प्रार्थित आवेदन-पत्र के प्रारम्भिक पैराग्राफ में विशेष सावधानी आवश्यक नहीं होती क्योंकि ये आमन्त्रित किये जाते हैं जबकि अप्रार्थित आवेदन-पत्र में अध्ययनकर्ता के ध्यानाकर्षण व रुचि जाग्रत (निर्मित) करने का प्रयास प्रारम्भिक पैराग्राफ में किया जाता है।
महत्वपूर्ण बिन्दु - IMPORTANT POINTS
* एक नौकरी के लिये आवेदन-पत्र के निम्नलिखित संघटक होते हैं-
(1) प्रारम्भ,
(2) मध्यम पैराग्राफ,
(3) अन्तिम पैराग्राफ,
(4) हस्ताक्षर,
(5) संलग्नक,
(6) आवेदन-पत्र तथा जीवन-वृत्त का सम्पादन।
* प्रार्थित आवेदन पत्र से अभिप्राय उस आवेदन पत्र से है जो विभिन्न पत्रों के माध्यम से विभिन्न विज्ञापित या प्रकाशित पद में निर्दिष्ट योग्यताओं तथा सर्वे के आधार पर तैयार कर प्रेषित किये जाते है ये पूर्व निर्धारित भी हो सकते हैं।
* अप्रार्थित आवेदन पत्र से अभिप्राय उस आवेदन पत्र से है जो किसी अप्रत्यक्ष माध्यम जैसे- मित्र सम्बन्धी जिन्हें विश्वस्त सूत्र के रूप में सम्बोधित किया जाता है, के आधार पर तैयार कर प्रेषित किये जाते हैं।
* आवेदन पत्र के साथ आवेदक की सम्पूर्ण व्यक्तिगत जानकारी संलग्न की जाती है जिसे जीवन-वृत्त कहा जाता है।
* जीवन-वृत्त में निम्नलिखित विवरण दिया जाता है-
(1) व्यक्तिगत जानकारी,
(2) शैक्षणिक योग्यताएँ
(3) अतिरिक्त योग्यताएँ,
(4) अनुभव,
(5) अन्य अतिरिक्त सूचनाएँ- रुचि / आदत तथा भाषा सम्बन्धी,
(6) सन्दर्भ ।