ज्ञापन पत्र क्या है ?विशेषतायें,प्रारूप तथा कार्यालय ज्ञापन

    'ज्ञापन' अथवा 'स्मृति-पत्र (Memo) शब्द अंग्रेजी भाषा के (Memorandum) शब्द का संक्षिप्त स्वरूप है जिसका अभिप्राय 'याद हेतु एक टीप' अथवा 'जिक्र करना या बताना है। यह समतल प्रवाह (Lateral Communication) का ऊपर से नीचे व नीचे से ऊपर आन्तरिक संचार है। इसके माध्यम से किसी भी महत्वपूर्ण सूचना को संक्षिप्त रूप में संचारित कर क्रिया हेतु सुझाव की प्रस्तुति करता है। ज्ञापन एक लिखित संदेश है जो सामान्यतः संस्था के कर्मचारियों या अधिकारियों द्वारा दैनिक कार्य के लिए प्रयुक्त किया जाता है। ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य सूचना को दस्तावेज के रूप में रखना, भेजना, निर्णयन या संक्षेप में प्रार्थना करना है। अतः जब कोई अधिकारी अपने कर्मचारियों को कुछ जानकारी अथवा निर्देश देना चाहता है तो वह ज्ञापन भेजता है। सामान्यतः ज्ञापन का प्रयोग निम्न अवसरों पर किया जाता है- 

    (1) नियमित संदेशों सूचनाओं को सम्प्रेषित करने हेतु।

    (2) सामयिक प्रतिवेदन प्रेषित करने हेतु । 

    (3) किसी संगठन / संस्था में सम्प्रेषण में नित नये परिवर्तनों हेतु ।

    (4) कर्मचारियों को निर्देश जारी करने हेतु।

    (5) मौखिक निर्णयों को निश्चित करते हेतु।

    (6) किसी विषय विशेष पर गलत निर्णय पर पूछताछ हेतु ।

    (7) विशेष सूचना प्राप्ति हेतु।

    (8) किसी जारी किये आदेश को रोकने अथवा वापस लेने हेतु।

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    ज्ञापन के लक्षण (Charactristics of Memo) 

    ज्ञापन की निम्न विशेषताएँ या लक्षण है- 

    1. ज्ञापन में प्रति (To) से प्रेषक (From), विषय (Subject) व दिनांक (Date) आदि सूचनाएँ होती हैं।

    2. ज्ञापन प्राप्तकर्ता एक व्यक्ति होने से उसके नाम को प्रति (TO) के सम्मुख लिखा जाता है। जब यह कई व्यक्तियों या समूह को प्रेषित किया जाता है तो सूची अनुसार नामबद्ध कर इसे प्रेषित किया जाता है।

    3. ज्ञापन का विषय स्पष्ट व संक्षिप्त होना चाहिए ताकि प्राप्तकर्ता को विषय को जानकारी आसान व सरल हो सके।

    4. ज्ञापन में शिष्टता का कोई स्थान नहीं होता केवल विशिष्ट व्यक्ति के नाम का सम्बोधन कर सन्देश को प्रेषित किया जाता है।

    5. ज्ञापन में जारीकर्ता का हस्ताक्षर महत्वपूर्ण नहीं होता।

    ज्ञापन के लाभ (Advantages of Memo) 

    ज्ञापन आन्तरिक संचार का आरोही व अवरोही समतल प्रवाह है अर्थात् यह किसी संगठन के कर्मचारियों को लिखे जाते हैं और इसमें केवल विषय ही स्पष्ट किया जाता है इससे निम्न लाभ होते हैं-

    1. संक्षिप्त सम्प्रेषण (Communicate Brief Summary) 

    ज्ञापन द्वारा किसी सन्देश को बिना किसी औपचारिकता के संक्षिप्त रूप में प्रेषित किया जाता है।

    2. मितव्ययी (Economic) 

    ज्ञापन सामान्यत: संगठन में कार्यरत कर्मचारियों के मध्य लिखा जाता है। इसलिए यह हस्तलिखित या सामान्य छपाई या टंकिट रूप में प्रेषित किया जाता है इसलिए इसकी लागत कम आती। है। अतः यह कर्मचारियों के मध्य सन्देश का सबसे सस्ता या मितव्ययी साधन है।

    3. भावी सन्दर्भ (Future Reference ) 

    ज्ञापन को कार्यालय रिकॉर्ड या कम्प्यूटर डिस्क में रखा जाता है अत: इसके सन्देश को भविष्य में दस्तावेज स्वरूप सुरक्षित रखा जा सकता है। 

    4. शीघ्र संचारित (Quick Transmission )

    ज्ञापन द्वारा सन्देश का प्रसारण समस्त दिशाओं में शीघ्रतापूर्वक आसानी से होता है।

    5. लेखा-जोखा योग्य (Accountable ) 

    ज्ञापन तथ्यों व निर्णयों का दस्तावेज स्वरूप होने से लेखा जोखा योग्य होते हैं।

     ज्ञापन की हानियाँ (Disadvantages of Memo) 

    ज्ञापन के जहाँ उपर्युक्त लाभ हैं वहीं इससे कुछ हानियाँ भी हैं। प्रायः व्यक्ति किसी घटना हेतु जारी 'ज्ञापन' पर भावनात्मक रूप से आहत हो बुरा मानते हैं। 'ज्ञापन' प्राप्त व्यक्ति हतोत्साहित होता है यह भी सम्भव है कि वह संस्था के वातावरण को प्रमाणित करें। अर्थात् ज्ञापन से मतभेद पैदा होते हैं जो संस्था के उत्तरोत्तर प्रगति में बाधक होते हैं।

    एक प्रभावी ज्ञापन की विशेषताएँ (Characteristics of an Effective Memo) 

    एक प्रभावी ज्ञापन तैयार करते समय निम्न बातों पर विशेष ध्यान देना उचित होगा-

    1. ज्ञापन लिखने के पूर्व उसके उद्देश्य की पहचान की जावे। साथ ही साथ उन श्रोताओं/व्यक्तियों को निश्चित किया जाय जिनके लिए ज्ञापन लिखा जा रहा है। विषय विशेष का क्षेत्र निर्धारण कर समस्त सन्दर्भ व समंकों को एकत्रित किया जाय।

    2. ज्ञापन लिखते समय उद्देश्य व पाठक की आवश्यकता को दृष्टिगत रखा जावे। तथ्यों की औचित्य व अर्थपूर्ण प्रस्तुति की जाय। 

    3. ज्ञापन लेखन के अंत में पूर्वलिखित विषय पर पुनर्विचार किया जाय ताकि ज्ञापन संक्षिप्त स्पष्ट व भिन्न हो।

    4. ज्ञापन लेखन के समय मितव्ययिता अपनायी जाय । 

    5. ज्ञापन के लेखन के समय प्राप्तकर्ता की सदभावना  व सकारात्मक को ध्यान में रखा जाय।

    ज्ञापन प्रारूप 

    उदाहरण 1 

     

    ASIAN ENTERPRISES

    Garh Bazar, Jabalpur,M.P.

    MEMO

    Date..............

    To, .................                                                                                           From ..........

    Deptt. .............                                                                                         Telephone .............

    Subject .............

     

    (Message) .......                  (Approval)              (Information)              (Comment)

     

                                                                                                       Sign. Of the Issuing Authority

    उदाहरण 2 

     

    महावर सेल्स

    गरा बाजार, जबलपुर (म.प्र.)को

    को .............                                          फ़ाइल ...................

     से ..............                                         तारीख ..................

    विषय, .......................................................................................................................

    ..................................................................................................................................

    .................................................................................................................................

    उदाहरण 3 

    कार्यालय ज्ञापन (OFFICE MEMORANDUM)

    इसका प्रयोग कर्मचारियों के प्रार्थना पत्रों/ याचिकाओं का उत्तर देने या पत्रों की प्राप्ति सम्बन्धी सूचना देने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग मन्त्रालयों के मध्य सूचनाओं के आदान-प्रदान करने के उद्देश्य के लिए किया जाता है अर्थात् इसका प्रयोग एक मन्त्रालय के एक भाग, उपभाग, शाखा, अनुभाग का दूसरे मन्त्रालयों के ऐसे ही भाग / प्रभाग, उपभाग, शाखा का अनुभाग को सूचनाओं इत्यादि से अवगत कराने के लिए किया जाता है। इसका मुख्य प्रयोजन सूचनाएँ पारित करने का है अर्थात् इसके जरिये किसी आदेश को पारित नहीं किया जा सकता है। इसका प्रारूप सदैव अन्य पुरुष में लिखा जाता है।

    कार्यालय ज्ञापन

    कार्यालय ज्ञापन मुख्यतः निम्न प्रकार के होते हैं-

    1. नित्यकर्म सन्देश वाले कार्यालय ज्ञापन (Routine Message Office Memorandum) 

    ये किसी विशिष्ट कार्यालय के लिए तैयार किये जाते हैं, यद्यपि इनका प्रयोग कभी-कभी किया जाता है। यह एक फार्म (Form) के रूप में होते हैं और उन्हीं कार्यालय को प्रेषित किये जाते हैं जिनके अनुसार ये बनाये जाते हैं। इसमें निहित नित्यकर्मी सन्देश प्रायः एक-से होते हैं।

    2. अंतर्कार्यालय पथ-निर्धारण पर्ची (Intra-office Routing Slip) 

    इसका प्रयोग एक ही कार्यालय में कई व्यक्तियों की सूचना या सामग्री प्रेषित करने के लिए किया जाता है। इसे कार्यालय की आवश्यकता के अनुसार तैयार किया जाता है। कार्यालय की आवश्यकतानुरूप इस पर्ची में परिवर्तन किया जाना सम्भव हो है। प्रायः इसे सीमित संख्या में मुद्रित किया जाता है।

    3. अनुकूल सूचना कार्यालय ज्ञापन (Good News Office Memorandum) 

    कार्यालय के क्रिया-कलापों में अधिकतर इसी प्रकार के ज्ञापनों का प्रयोग किया जाता है। चूँकि कार्यालय में कार्यरत व्यक्ति/कर्मचारी अत्यन्त ही व्यस्त होते हैं, अतः इसमें निहित सन्देश स्पष्ट/सरल व सीधा होता है। इस प्रकार के ज्ञापन को पाठकों को पहचानकर उन्हीं के स्तर पर लिखा जाता है। इसमें प्रायः कम खर्चीली लेखन सामग्री व पुनर्प्रयुक्त साधनों का प्रयोग किया जाता है एवं प्रयुक्त सन्देश के सम्प्रेषण का स्वर सद्भावनापूर्ण होता है।

    4. नकारात्मक सूचना कार्यालय ज्ञापन (Negative Message Office Memorandum) 

    इसके अन्तर्गत एक संगठन के लोगों को भेजे जाने वाले सन्देश का स्वरूप नकारात्मक होता है, परन्तु जहाँ तक सम्भव हो, प्रयुक्त नकारात्मक सन्देश हास्यकर हो जिससे पाठक व लेखक को हल्केपन का अहसास हो साथ ही साथ व्यक्तिगत स्तर पर सन्देशकर्ता के प्रति पाठक का रवैया सकारात्मक हो ।


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