फैक्स क्या है ? फैक्स का अर्थ, अविष्कार तथा कार्यप्रणाली

फैक्स सूचना प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसमें ग्राफ चार्ट, हस्तलिखित/मुद्रित सामग्री को टेलीफोन नेटवर्क के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान मूल प्रति की फोटो कॉपी के स्वरूप में भेजा जाता है। कुछ ही सेकेण्डों में टाइप की हुई या हस्तलिखित सन्देश की अधिकाधिक मात्रा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजना सम्भव होता है।

फैक्स क्या

'फैक्स' अँग्रेजी भाषा के 'फेसिमिली' शब्द से बना है। 'फेसिमिली' शब्द मूल रूप से लैटिन भाषा से सम्बद्ध है। ‘फैस' का अभिप्राय 'बनाना' तथा 'सिमिली' शब्द से अभिप्राय 'उसी के समान' से है अर्थात् अन्य शब्दों में, फैक्स के द्वारा मूल प्रति की छायाप्रति दूसरे छोर से तत्काल उपलब्ध हो सकती है। यह प्रणाली अन्य प्रणालियों की तुलना में त्वरित व सस्ती है। इसका प्रयोग उस स्थिति में अत्यन्त उपयोगी व लाभप्रद होता है जब प्रेषक व प्राप्तकर्ता के बीच की दूरी काफी अधिक हो।

आविष्कार 

फैक्स प्रणाली का विकास सर्वप्रथम स्कॉटलैण्ड के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर सेन द्वारा प्रथमतः सन् 1842 में किया गया। सन् 1850 में इंग्लैण्ड के फ्रेडरिक बैकवेल द्वारा लेन के तन्त्र से मिलता-जुलता एक सम्बन्धित तन्त्र विकसित किया। फ्राँस में सन् 1865 में एक चक्रीय ड्रम का प्रयोग कर फैक्स तन्त्र बनाया गया। सन् 1875 में न्यूयार्क के लिलियम सैम्पर द्वारा इस उपकरण को एक नया स्वरूप प्रदान किया गया। इसमें ड्रम के साथ एक क्लच व एक मोटर का इस्तेमाल किया गया। सन् 1900 के प्रारम्भ में जर्मनी के आर्थर कार्न द्वारा फैक्स तन्त्र को विकसित किया। सन् 1902 में उन्होंने चित्रों के प्रेषण व अभिमुद्रण (Receiving) के लिए प्रथम फोटो इलैक्ट्रिक फैक्स तन्त्र का प्रयोग किया। 1907 में इन्होंने एक व्यावसायिक फोटो इलैक्ट्रिक फैक्स तन्त्र विकसित किया जो प्रारम्भ में जर्मनी तक सीमित था। सन् 1910 में इसमें बर्लिन को लन्दन व पेरिस से जोड़ा।

सन् 1922 में कार्न द्वारा रेडियो के माध्यम से अमेरिका के लिए एक चित्रण प्रेषित किया गया। यह चित्र उसी दिन वहाँ के समाचार-पत्रों में प्रकाशित हुआ। इन फैक्स मशीनों में निरन्तर सुधार करते हुए सन् 1980 के दशक में फैक्स मशीनों को इस प्रकार से विकसित किया गया कि इनका प्रयोग कार्यालयों व घरों में किया जा सके। आज फैक्स मशीन का बहुउद्देशीय टर्मिनल के रूप में उभर चुकी है और भविष्य में इसका प्रयोग ई-मेल में किये जाने की सम्भावना है।

कार्य प्रणाली

फैक्स सेवा में सर्वप्रथम भेजे जाने वाले लिखित/मुद्रित दस्तावेज का क्रमवीक्षण (स्कैनिंग) की जाती है। इस क्रिया के द्वारा बिल्कुल इमेज को विद्युतीय सिग्नल में परिवर्तित किया जाता है। अभिग्राही छोर पर वास्तविक विद्युतीय सिग्नल को फैक्स रिकॉर्डर से गुजारा जाता है जिसके द्वारा प्रेषित इमेज की हार्ड प्रतिलिपि प्राप्त हो जाती है। फैक्स कार्य प्रणाली का विस्तृत विवरण निम्नलिखित है-

1. क्रमवीक्षण (स्कैनिंग) (Scaning)

अधिकांश व्यावसायिक फैक्स तन्त्र विद्युत् अभियान्त्रिकी सिद्धान्त पर कार्य करते हैं एवं फोटो विद्युतीय क्रमवीक्षण पद्धति का प्रयोग करते हैं। फोटो विद्युतीय क्रमवीक्षण का मुख्य उद्देश्य एक विद्युत् अनालॉग सिग्नल का विकास (प्रेषित किये जाने वाले प्रतिबिम्बों की रूपरेखा का सृजन करने वाले सभी परिवर्तनों के आधार पर) करना है। क्रमवीक्षक प्रलेख पृष्ठ (Document Page) को प्रकाशित करता है और प्रतिबिम्बों का छोटे-छोटे खण्डों में विश्लेषण करता है और इलेक्ट्रॉनिक अनालॉग सिग्नल का निर्माण होता है।

2. रिकॉर्डिंग (Recording ) 

क्रमवीक्षण (स्कैनिंग) की तरह ही अधिकांश रिकॉर्डर विद्युतीय अभियान्त्रिक प्रकृति के होते हैं। इनका आकार बेलनाकार या समतल होता है परन्तु वर्तमान में ये बेलनाकार ही आते हैं। 

3. फेजिंग समाकलन (Fazing Integration)

वास्तविक प्रेषित चित्र को अभिग्राही छोर पर पुनः निर्मित किया जाता है। इसके लिए निम्न दो बातें आवश्यक हैं-

(i) प्रेषण के प्रारम्भ के साथ क्रमवीक्षण (स्कैनिंग) व रिकॉर्डिंग बीम (प्रकाश) एक-दूसरे के साथ सम्पूर्ण व सम्पाती हो।

(ii) प्रेषक प्रक्रिया की दशा में यह सम्पाती स्थिति पूर्ण रूप से कायम रहना अनिवार्य है। सामान्य फेजिंग पद्धति में पल्स तुलना तकनीक प्रयुक्त की जाती है। समाकलन के लिए किस्टल नियन्त्रित आवृत्ति मानक का प्रयोग किया जाता है। 

उपग्रह आधारित फैक्स सेवा 

कुछ समय पूर्व उपग्रह संचार प्रणाली के प्रसार-प्रचार में फैक्स सेवाएँ केबल के द्वारा सम्पन्न की जाती थीं। आज यह उपग्रह संचार प्रणाली के माध्यम से सम्पन्न होती हैं। इसकी निम्न विशिष्टताएँ हैं-

* विशाल विस्तृत क्षेत्र में फैक्स प्रेषक,

* चैनल को कम कीमत,

* चैनल की गुणवत्ता में सुधार,

* इसे रूट टॉप एण्टिना के जरिए प्राप्त किया जाता है, 

* संचार की विश्वसनीयता बढ़ जाती है।

सर्वप्रथम 'दी हिन्दू' द्वारा 1969 में इस सेवा का प्रयोग किया गया। आज लगभग सभी समाचार-पत्र समूह इसका प्रयोग कर रहे हैं।

फैक्स सेवा एक त्वरित व अत्यन्त सस्ती प्रणाली है। इस फैक्स सेवा के माध्यम से हम अपने लिखित / मुद्रित दस्तावेजों को फोटोकॉपी स्वरूप में सम्बन्धित व्यक्ति तक अविलम्ब प्रेषित कर सकते हैं। आज फैक्स सेवा दैनिक, कार्य-प्रणाली का एक प्रमुख अंग बन गयी है। इसका प्रयोग स्वास्थ्य, चिकित्सा, व्यापार, कृषि, मेकिंग, बीमा व शिक्षा इत्यादि क्षेत्रों में अधिकाधिक किया जा रहा है।

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