शैक्षिक तकनीकी का उत्तर-प्रदेश में विकास किस प्रकार से हुआ ?

उत्तर- प्रदेश में शैक्षिक तकनीकी प्रकोष्ठ की स्थापना 1976 में हुयी थी। इस प्रकोष्ठ ने SITE (सेटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविजन एक्सपेरीमेन्ट) में सफलतापूर्वक भाग लिया। 

भारत सरकार ने जब उपग्रह के माध्यम से शैक्षिक दूरदर्शन कार्यक्रमों के प्रसारण का निर्णय लिया तब उत्तर- प्रदेश राज्य में 1984 में राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान की स्थापना की गयी। यह संस्थान अग्रांकित प्रकार के कार्यक्रम करता है-

(1) 5 से 11 वर्ष की आयु के बालकों के लिये शैक्षिक दूरदर्शन कार्यक्रम तथा रेडियो कार्यक्रमों का निर्माण करना।

(12) शैक्षिक दूरदर्शन व रेडियो कार्यक्रमों के लिये सपोर्ट मैटीरीयल तैयार करना ।

 (3) NCERT के सहयोग से मीडिया के उपयोग हेतु सेवारत प्रशिक्षण आयोजित करना।

(4) CIET से प्राप्त प्रदत्तों का संकलन एवं विश्लेषण की धावस्था करना।

(5) आवश्यकतानुसार औपचारिक, अनौपचारिक तथा प्रौढ शिक्षा के लिये मीडिया सपोर्ट उपलब्ध कराना। (6) शिक्षा के लिये सामान्य मीडिया सपोर्ट उपलब्ध कराना।

इस संस्थान ने 1986-87 से प्राथमिक कक्षाओं तथा उनके प्राध्यापकों के लिये हिन्दी, गणित सामाजिक विषय कला तथा कार्यानुभव के साथ-साथ बाल-केन्द्रित शिक्षा न्यूनतम अधिगम स्तर आपरेशन ब्लैकबोर्ड योजना बालिका शिक्षा, शिक्षा का प्रसार तथा शिक्षक का वैज्ञानिक दृष्टिकोण आदि विषयों पर अनेक शैक्षिक दूरदर्शन कार्यक्रमों का निर्माण, प्रचार तथा प्रसारण किया।

यू० पी० में शैक्षिक प्रसारण

(1) यू० पी० में प्राथमिक कक्षाओं के लिये DD-1 पर शैक्षिक दूरदर्शन कार्यक्रम तरंग प्रातः 10:30 से 11-00 तक प्रसारित होता है।

 (2) आकाशवाणी से रेडियो पर प्राथमिक कक्षाओं के लिये 12-10 से 12-30 तक शैक्षिक कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है। 

(3) स्कूल टेलीविजन के अन्तर्गत DD-2 पर प्रातः 11-00 से 1145 तक तथा 1-15 से 2 बजे तक कक्षा 6 से 10 तक के छात्रों के लिये दूरदर्शन कार्यक्रम प्रसारित किये जाते हैं।

शैक्षिक तकनीकी के क्षेत्र में यू० पी० के जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डायट) भी महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। कम लागत की शिक्षण सामग्री विकसित करना, डी० आर० यू० को अनौपचारिक शिक्षा एवं प्रौढ शिक्षा के लिये कम लागत की शिक्षण सामग्री विकसित करने में सहायता देना, संस्थान के सभी श्रव्य-दृश्य उपकरणों का रख-रखाव करना, कम्प्यूटर लैव संचालित करना, कम लागत की शिक्षण सामग्री का प्रदर्शन करना, पास के रेडियो स्टेशन से बच्चों, प्रौढ़ों तथा शिक्षकों के कार्यक्रम प्रसारण हेतु सम्पर्क करना तथा सेवारत शिक्षकों को शैक्षिक तकनीकी में आवश्यक प्रशिक्षण देना- इन संस्थानों के प्रमुख कार्य है।

संशोधित शैक्षिक तकनीकी योजना के अन्तर्गत 1988 में केन्द्रीय सहायता से विद्यालयों को रेडियो कम कैसेट प्लेयर (2 in 1) वितरित किये गये और उनके उपयोग को प्रभावशाली बनाने के लिये अनेक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। अब तक यू० पी० में 1800 प्राथमिक तथा उच्च विद्यालयों को रंगीन टी० वी० एवं 14412 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को रेडियो-कम-कैसेट प्लेयर वितरित किये जा चुके हैं। इन उपकरणों का प्रयोग, औपचारिक, अनौपचारिक, प्रौढ़ शिक्षा तथा सामुदायिक उपयोग के लिये सफलतापूर्वक किया जा रहा है।

इस प्रकार से उत्तर-प्रदेश राज्य भी शैक्षिक तकनीकी के क्षेत्र में सक्षम नेतृत्व देने की तैयारी में है।

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