खाता शब्द से क्या आशय है? प्रकार,जर्नल में लेखा करने नियम

 खाता शब्द से आशय 

किसी व्यक्ति विशेष य बस्तु से सम्बंधित समस्त लेन-देनों का संक्षिप्त ब्यौरा 'खाता ' कहलाता है |प्रत्येक खाता दो भागों में विभाजित होता है | बाईं ओर वाला भाग ऋणी (Debit Side) तथा दांयी ओर वाला भाग धनी भाग (Credit Side) कहलाता है |

खातों के प्रकार   

खाते निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं -

  1. व्यक्तिगत खाते (Personal Accounts)
  2. वास्तविक खाते (Real Accounts)
  3. अवास्तविक या आय-व्यय सम्बन्धी खाते  (Nominal Accounts )

खातों के भेद 

व्यक्तिगत खाते -  जैसे 
  • रामलाल का खाता 
  • गोपालदास एंड ब्रदर्स का खाता 
  • मै.राममोहन श्याममोहन का खाता 
  • मै.राधेलाल एंड संस का खाता 
  • मै.चित्रा प्रकाशन का खाता 
  • राजकीय इंटर कॉलेज का खाता 
  • ए.बी.सी.लिमिटेड का खाता 
  • उत्तर प्रदेश सहकारी समिति का खाता 
वास्तविक या संपत्ति खाते - जैसे 

  • रोकड़ खाता 
  • बैक खाता 
  • माल खाता 
  • विनियोग खाता 
  • फर्नीचर खाता 
  • मशीनरी खाता 
  • भूमि या भवन खाता 
  • ख्याति खाता 
अवास्तविक या आय-व्यय सम्बन्धी खाते - जैसे 

  • वेतन खाता 
  • किराया खाता 
  • मजदूरी खाता 
  • स्टेशनरी खाता 
  • डाक-व्यय खर्च खाता 
  • दूकान-खर्च खाता 
  • कमीशन खाता 
  • ब्याज खाता 
व्यक्तिगत खाते - 
ये वो खाते हैं जो किसी व्यक्ति विशेष,फर्म,संस्था या कम्पनी से सम्बंधित होते हैं, व्यक्तिगत खाते कहलाते हैं ; जैसे - मयंक गुप्ता का खाता, राधेश्याम सीताराम का खाता,धर्मसमाज इन्टर कॉलेज का खाता, आदि |

वास्तविक या संपत्ति खाते -
ये वे खाते हैं जो धन, संपत्ति या माल से सम्बंधित होते हैं वास्तविक य संपत्ति खाते कहलातें हैं ; जैसे -रोकड़ खाता, बैक खाता, माल खाता,भूमि या भवन खाता, विनियोग खाता, फर्नीचर खाता, मशीनरी खाता, क्रय खाता, विक्रय खाता आदि |

अवास्तविक या आय-व्यय सम्बन्धी खाते -
इनको 'नाममात्र के खाते' या अवास्तविक खाते भी कहा जाता है | ये वे खाते हैं जो व्यापार में होने वाले आय-व्यय या हानि-लाभ से सम्बंधित होतें हैं , आय-व्यय के खाते कहलातें हैं ; जैसे - वेतन खाता, मजदूरी खाता, ब्याज खाता, कमीशन खाता, छूट खाता, डाक -व्यय खाता दान खाता, किराया खाता आदि |

रोजनामचा या जर्नल में लेखा करने के नियम -
प्रत्येक प्रकार का लेन-देन दो खातों को प्रभावित करता है | इन खातों में से एक को ऋणी Dr.और दुसरे को धनी Cr. किया जाता है  | किसी खाते को ऋणी या धनी करने के कुछ नियम बनाए गये हैं, जो निम्नलिखित है -

व्यक्तिगत खाते से सम्बंधित नियम -
व्यक्तिगत खातों के दो रूप होतें हैं - एक पाने वाला तथा दूसरा देने वाला | पाने वाले व्यक्ति का खाता ऋणी तथा देने वाले व्यक्ति का खाता धनी किया जाता है  |
जैसे- (1)  रमेश को 200 रूपये का माल बेंचा - इस लेन-देन में रमेश माल पाने वाला  है;अतः रमेश का खाता ऋणी(Debit) किया जायेगा |

(2) मोहन से 250 रुपये प्राप्त हुए - इस लेन-देन में मोहन रोकड़ देने वाला है; अतः मोहन का खाता धनी किया(Credit) जाएगा |

(3)गोपाल नें सुरेश को 500 रुपये का माल उधार बेचा -इस लेन-देन में सुरेश माल पाने वाला है; अतः गोपाल की पुस्तकों में सुरेश का खाता ऋणी (Debit )किया जायेगा | इसके विपरीत, गोपाल माल को देने वाला है ; अतः सुरेश की पुस्तकों में गोपाल का खाता धनी (Credit) किया जायेगा |

वास्तविक या संपत्ति खातों से सम्बंधित नियम -
व्यक्तिगत खातों की भांति वास्तविक या संपत्ति खातों के भी दो रूप होतें हैं | कुछ वस्तुयें या संपत्ति व्यापार में आती हैं तथा कुछ वस्तुयें या संपत्ति व्यापार से बाहर जातीं हैं | व्यापार में आने वाली वस्तु को ऋणी तथा व्यापार से बाहर जाने वाली वस्तुओं को धनी (Debit what comes in and Credit what goes out )किया जाता है |

उदाहरण द्वारा स्पष्टीकरण -

  • रामगोपाल से 1000 रुपये का माल खरीदा - इस लेन-देन में माल व्यापार में आ रहा है ;अतः माल या क्रय खाता ऋणी(Debit) किया जायेगा  |
  • सोहनलाल को 375 रूपये का माल उधार बेंचा -इस लेन - देन में माल व्यापार से बाहर जा रहा है ; अतः माल या विक्रय खाता धनी(Credit) किया जाएगा |
  • नकद माल बेंचा -इस लेन-देन में व्यापार में रोकड़ आ रही है तथा माल व्यापार से बाहर जा रहा है ; अतः रोकड़ खाता ऋणी (Debit) तथा माल य विक्रय खाता धनी(Credit) किया जाएगा |
  • हरि ने श्याम को 200 रूपये नकद चुकाए - इस लेन-देन में श्याम के पास रोकड़ आयी है ; अतः वह अपने यंहा रोकड़ खाते को ऋणी (Debit)करेगा | इसके विपरीत, हरि के यंहा से रोकड़ गयी है ; अतः हरि अपने यंहा रोकड़ खाते को धनी(Credit) करेगा | 

आय- व्यय खातों से सम्बंधित नियम-

 व्यापार में आय तथा व्यय दोनों ही होते रहते हैं | व्यय तथा हानि के खाते को ऋणी तथा आय या लाभ के खाते धनी (Debit all expenses &losses and Credit all incomes &gains)किये जातें है |

उदाहरण द्वारा स्पष्टीकरण - 
  • वेतन दिया - इस लेन-देन में वेतन व्यापार के लिए व्यय है ;अतः वेतन खाता ऋणी (Debit) किया जायेगा |
  • कमीशन मिला - इस लेन-देन में कमीशन व्यापार के लिए आय है ; अतः कमीशन खाता धनी(Credit) किया जायेगा | 
  • राम ने गोपाल को किराये के 250 रूपये चुकाए - इस लेन-देन में राम ने किराया दिया है ;अतः यह उसके लिए व्यय या हानि है | इसके लिए राम की पुस्तकों में किराया खाता ऋणी(Debit) किया जायेगा |इसके विपरीत गोपाल को किराया प्राप्त हुआ है ;अतः यह उसके लिए आय या लाभ है | इसके लिए गोपाल के खाते में किराया खाता धनी(Credit) किया जायेगा |

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