यूपी टीजीटी सिलेबस प्रशिक्षित स्नातक वाणिज्य पाठयक्रम -U.P.TGT Commerce Syllabus

एकाउण्ट्स सांख्यिकी एवं अंकेक्षण -

एकाउण्ट्स पुस्तपालन का अर्थ उद्देश्य एवं विधियाँ, दोहरा लेखा प्रणाली, रोजनामचा, खाताबही तथा तलपट, समायोजन प्रविष्टियों के साथ अन्तिम लेखे तैयार करना, साझेदारी खाते, कम्पनी लेखे, अंशों का निर्गमन एवं हरण और व्यापारिक संस्थाओं के लेखे अधिकार शुल्क लेखे, किराया क्रय खाता तथा प्रभाग क्रम संबंधी लेखे सांख्यिकीय माध्य संगणियकी का अर्थ क्षेत्र, महत्व एवं सीमायें आंकड़ों का संग्रह वर्गीकरण एवं सारणीयन सारिणयकीय अपकिरण, अंकेक्षण परिभाषा उद्देश्य, महत्व, प्रमाणन का अर्थ, महत्व, प्रमाणन के प्रकार प्रारम्भिक लेखे की पुस्तकों का प्रमाणन।

व्यापारिक संगठन एवं प्रबंध-

व्यापारिक संगठन व्यापार एवं सभ्यता का संबंध, व्यवसायिक संगठन का अर्थ एवं क्षेत्र, पर्यावरण प्रदूषण तथा उद्योग धन्धे, व्यापारिक कार्यालय के कार्य, व्यावसायिक संगठन के स्वरूप, विज्ञापन एवं विक्रय कला देशी व्यापार एवं विदेशी व्यापार प्रबन्ध-प्रबन्ध की प्रकृति एवं महत्व, प्रबन्ध की विभिन्न विचारधारायें प्रबन्धकीय कार्य, नियोजन, स्टाफिंग अभिप्रेरणा, समन्वय एवं नियंत्रण |

अर्थशास्त्र, मुद्रा, बैंकिंग एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था- 

अर्थशास्त्र की परिभाषा एवं क्षेत्र उपभोग सीमान्त एवं कुल उपयोगिता, सीमान्त उपयोगिता द्वारा नियम, मांग तथा मांग की लोच उत्पादन के साधन, उत्पत्ति के नियम, जनसंख्या के सिद्धान्त, विनिमय बाजार के प्रकार, पूर्ण प्रतियोगिता एवं एकाधिकार के अन्तर्गत मूल्य निर्धारण वितरण, वितरण के सिद्धान्त सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त, मुद्रा की परिभाषा, क्षेत्र एवं कार्य, पूँजीवाद एवं समाजवादी अर्थ व्यवस्था में मुद्रा का महत्व प्रेशम का नियम मुद्रा का परिणाम सिद्धान्त, मुद्रा के मूल्य में परिवर्तन, बैंकिंग के कार्य एवं प्रकार, वाणिज्यिक बैंक के सिद्धान्त रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया का कार्य, भारतीय अर्थव्यवस्था, भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषतायें जनसंख्या की समस्या, कृषि की समस्या, विदेशी व्यापार संबंधी समस्या।

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